सांसद प्रोफेसर मनोज झा की सदन में स्पीच, हमे सबको एक साझा माफ़ी नामा उन लोगो के नाम भेजना चाहिए जिनकी लाशे गंगा में तैर रही थी।
सदन में आरजेडी के सांसद प्रोफेसर मनोज झा ने कहा के हमे माफ़ी मांगनी चाहिए और माफ़ी नामा देना चाहिए उन लोगो से जो कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्ससीजन और अस्पतालों में बेड की कमियों से मर गए है
सांसद प्रोफेसर मनोज झा की पूरी स्पीच सुनिये
उन्होंने कहा के हमे आंकड़ों से नहीं खेलना चाहिए बल्कि हमे सबको एक साझा माफ़ी नामा उन लोगो के नाम भेजना चाहिए जिनकी लाशे गंगा में तैर रही थी।
आज तक के संसदीय इतिहास में सदन के किसी दो सत्र के बीच में 50 लोगो की मौत आज तक नहीं हुई है ये पीड़ा व्यक्तिगत है मै आंकड़े नहीं देना चाहता आप पीड़ा में आंकड़ा धूड़िये।
कोई एक व्यक्ति नहीं है इस सदन में या उस सदन में या सदन से बहार जो ये कहे के उसने अपने किसी जानने वाले को नहीं खोया हो।
लोग ऑक्सीजन के लिए फ़ोन करते थे हम इंतज़ाम नहीं कर पाते थे लोग सोचते थे MP है ऑक्सीजन बिछा देगा मगर 100 फ़ोन करने के बाद जब हम शाम के देखते थे तो बस 2 या 3 ही हो पता था
हमको किसी आंकड़े की बात नहीं करनी है हमे देखना है के जो लोग गए वो जिन्दा दस्तावेज छोड़ के गए है हमारे फैलियर का।
आप कहेगा 70 साल में कुछ नहीं हुआ ये कलेक्टिव फैलियर है 1947 से लेकर और अबतक का।
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