ऑक्सफ़ोर्ड (Oxford University) ने जिस कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) का ट्रायल किया था वह बहुत दूर तक कामयाब रहा है
बीते कई महीनों से कोरोना वायरस से जंग लड़ रही दुनिया ने अब जरा सी राहत की सांस ली होगी. अब आप पूछेंगे क्यों, तो सोमवार को एक अच्छी खबर कि ऑक्सफ़ोर्ड (Oxford University) ने जिस कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) का ट्रायल किया था वह बहुत दूर तक कामयाब रहा है. इतना ही नहीं इस वैक्सीन (Corona Vaccine) यानी टीके (Corona ka Tika) के उत्पादन की तैयारी भी शुरू हो गई है. इस सप्ताह द लांसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित परीक्षण परिणामों में कहा गया है कि वैक्सीन के पहले चरण में परीक्षणों में अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी. यह किसी भी गंभीर साइड इफेक्ट का संकेत नहीं दे रहा है।
भारत में कब तक आ सकती है:-
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University) में विकसित कोरोनावायरस वैक्सीन भारत में (Corona Vaccine in India) नवंबर तक आ सकती है. वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India Ltd) ने खुद वैक्सीन बनाने का काम शुरू कर दिया है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख अदार पूनावाला ने ''200 मिलियन डॉलर को इस दवा में लगाने का कार्य एक झटके में ही कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि हालांकि ये जोख़िम भरा कारोबारी फ़ैसला हो सकता है, लेकिन कंपनी का कहना है कि इसकी ज़रूरत देखते हुए वो ये काम कर रही है. अगर अगले चरण में यह सफल नहीं हुआ तो हमारी तरफ से उठाए गए रिस्क का नुकसान हमें उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हम अगस्त में भारत में चरण 3 के परीक्षणों पर जाने के लिए आश्वस्त हैं और हम आशा करते हैं कि इसे पूरा होने में दो से ढाई महीने लगेंगे ... और वह नवंबर तक पूरा हो जाएगा. भारत के लोगों के लिए सीरम इंस्टीट्यूट में निर्मित कोविशिल्ड का आधा स्टॉक तैयार किया जाएगा. जिसका मतलब है कि प्रत्येक महीने लगभग 60 मिलियन शीशियों में से, भारत को 30 मिलियन मिलेंगे
भारत में क्या होगी कीमत:-
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University) में विकसित कोरोनावायरस वैक्सीन भारत में (Corona Vaccine in India) नवंबर तक आ सकती है.भारत में इसका मूल्य 1000 रुपया (Corona Vaccine Price) होगा।वैश्वीकरण के युग में, "स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पूरे विश्व का टीकाकरण नहीं किया जाता है और कमजोर आबादी की रक्षा नहीं की जाती है. तब तक कारखानों और व्यवसायों को हर जगह खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जिसका मतलब है भारत के भी आयात और निर्यात पर तब तक असर पड़ेगा
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