दानिश सिद्दीकी ( Danish Siddiqui) के नाम पर पुरस्कार की घोषणा,दानिश द्वारा ली गयी कुछ तस्वीरें जिन्होंने कई बार सरकार तक को हिला कर रख दिया.

भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी ( Danish Siddiqui) अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के साथ काम कर रहे थे जिनकी तालिबान और सेना के बीच संघर्ष को कवर करते हुए एक हमले में उनकी जान चली गई थी 

भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी ( Danish Siddiqui)
भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी ( Danish Siddiqui) 



दानिश सिद्दीक़ी के नाम पर पुरस्कार की घोषणा

प्रसिद्ध भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी की याद में अब उनके नाम से एक विशेष पुरस्कार दिया जाएगा। यह पुरस्कार उन पत्रकारों, फ़ोटो जर्नलिस्ट्स और मीडिया कर्मियों को दिया जाएगा जिन्होंने जमीनी हकीकत को निडरता और ईमानदारी से सामने लाने का कार्य किया है।

दानिश सिद्दीक़ी, जो रॉयटर्स के लिए कार्यरत थे, ने अपनी तस्वीरों के माध्यम से न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया की सामाजिक और मानवीय सच्चाइयों को उजागर किया। 2021 में अफगानिस्तान में रिपोर्टिंग के दौरान उनकी दुखद मृत्यु हो गई थी।

उनकी स्मृति को जीवित रखने और पत्रकारिता में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह पुरस्कार हर वर्ष प्रदान किया जाएगा। इसमें फ़ोटो जर्नलिज़्म, ग्राउंड रिपोर्टिंग और मानवाधिकार से जुड़ी पत्रकारिता को प्राथमिकता दी जाएगी।

इस पहल का उद्देश्य न केवल पत्रकारिता में उत्कृष्ट कार्य को पहचान देना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को दानिश सिद्दीक़ी जैसी निर्भीक और संवेदनशील पत्रकारिता के लिए प्रेरित करना भी है।


दानिश सिद्दीकी ( Danish Siddiqui) के द्वारा खींची गयी तस्वीरें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर आधारित होती थी जो कई बार सरकारों की आँखे खोलने की भी कोशिस करती थी। दानिश के द्वारा खींची गयी तस्वीरो ने दुनिया भर में प्रशंसा बटोरी है जो हमेशा आम आदमी के दिलो दिमाग में रहेंगी।


दानिश सिद्दीकी ( Danish Siddiqui) के द्वारा खींची गयी तस्वीरें जो हमेशा जिन्दा रहेंगी। 




हरिद्वार में कुंभ मेले में शाही स्नान के दौरान नागा साधुओं ने गंगा में डुबकी लगाई इस प्यारी सी तस्वीर को डेनिश सिद्दीकी द्वारा ही खींचा गया था कहा जाता है के दानिश अपनी एक फोटो के लिए कई कई दिन इंतज़ार करते थे। 



फोटो reuters 




दानिश के द्वारा ली गयी यह तस्वीर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान चर्चा में आयी थी. जो दिल्ली के एक शमशान घाट पर ली गयी थी दानिश की इस तस्वीर से कोरोना में सरकार की लापरवाही और कोरोना से मौत की संख्या पर देश और दुनिया में सवाल कड़े कर दिए थे।






जामिया मिलिया इस्लामिया में नागिरकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग करने वाले लड़के की तस्वीर लेने वाले भी दानिश सिद्दीकी ही थे.




रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या को भी काफी करीब से कवर किया था। रोहिंग्या की तस्वीरों के लिए 2018 में
दानिश सिद्दीकी को पुलित्जर अवॉर्ड मिला था।





कोरोना के दौरान कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों उनकी आखरी मंज़िल तक पंहुचा कर कुछ इस तरह अपनी हताशा और थकन को दूर करता हुआ ये कोरोना योद्धा की यह तस्वीर दानिश सिद्दीकी ने ही अपने कैमरे में कैद थी।


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