विलियम जेम्स हर्शेल खगोल वैज्ञानिकों के परिवार से संबंध रखते थे।
ईस्ट इंडिया कंपनी में कर्मचारी थे और साल 1800 के दौरान बंगाल में नियुक्त रहे
बतौर ICS अधिकारी, हस्ताक्षर की बजाए आधिकारिक दस्तावेजों पर उन्होंने अपने उंगलियों के निशान का इस्तेमाल किया
इंसान के शरीर की बनावट चेहरा कद काठी एक दूसरे इंसान से भिन्न होती है ये बात तो हमे मालूम थी मगर हमारी उंगलियों पर बने निशाँन भी एक दूसरे से मेल नहीं खाते है इस बात का पता विलियम जेम्स हर्शेल ने लगाया था।
आज की बढ़ती तकनीक के दौर में आपके हस्ताक्षर आपकी लिखावट की नकल आसानी से की जा सकती है मगर आपकी उंगलियों के निशाँन कोई नहीं बना सकता है यही वजह है के आज इसे पहचान के सबसे मजबूत माध्यम के तोर पर पेश किया जाता है।
आज टेक्नोलॉजी की बढ़ती रफ्त्तार में मोबाइल इंटरनेट ऑनलाइन बैंकिंग ATM इंसान इन्ही सब चीज़ो पर निर्भर हो गया है तो ऐसे में इंसान को प्राइवेसी सिक्योरिटी भी चाहिए होती है इन्ही सब में आज सबसे ज़्यादा कारगर है आपके Fingerprint फिंगरप्रिंट जो आपके मोबाइल का लॉक खोलने से लेकर आपके ऑफिस के गेट खोलने तक में आपकी मतद करता है और दुनिया में कोई भी इंसान आपके Fingerprint फिंगरप्रिंट की नक़ल नहीं कर सकता है।
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