अग्निपथ भर्ती योजना
देश की तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई केंद्र सरकार की 'अग्निपथ योजना' विवादों में घिर गई है. एक तरफ सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है कि उसने बहुत शानदार योजना निकाली है. दूसरी तरफ, इस योजना के खिलाफ युवा छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. बिहार में कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं और धीरे धीरे ये आग पुरे देश में फैलती नज़र आ रही है.
पहले किसान अब जवान सड़कों पर उतर प्रदर्शन कर रहे है सरकार द्वारा लागु की गयी अग्निपथ योजना का विरोध पुरे देश में फैल चूका है. ऐसे ही सरकार 3 कृषि बिलो का लाभ किसानो को समझाने में विफल रही और अंत में विरोध को देखते हुए अपना कदम वापस हटाना पड़ा जल्दबाज़ी में लागु की गयी अग्निपथ योजना को भी सरकार छात्रों को समझाने में विफल रही है जिसके कारण विपक्ष ने भी इस मौके को भुना लिया और छात्रों का साथ आंदोलन में देना शुरू कर दिया।
इस योजना के तहत सिर्फ़ चार साल आर्मी में सेवा का मौका दिए जाने को लेकर युवाओं में भीषण गुस्सा देखा जा सकता है. बिहार के बाद राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी 'अग्निवीर' के खिलाफ यह प्रदर्शन तेज होता जा रहा है. अग्निपथ योजना के तहत सरकार का प्लान है कि सेनाओं में चार साल के लिए युवाओं की भर्ती की जाए. कम उम्र के युवाओं को चार साल की सेवा के बाद रिटायर कर दिया जाएगा. भर्ती किए गए जवानों में से सिर्फ़ 25 प्रतिशत जवानो को सेना में रखा स्थायी (permanent ) किया जाएगा. इसी को लेकर छात्रों का विरोध है.
युवाओं का डर -
- ट्रेनिंग और छुट्टियों को मिला दें तो कोई सर्विस सिर्फ़ चार साल की कैसे हो सकती है.
- सिर्फ़ तीन साल की ट्रेनिंग लेकर हम देश की रक्षा कैसे करेंगे।
- सेना में भर्ती होने के लिए 1600 मीटर की दौड़ 5 मिनट में करनी पड़ती है ये एक बहुत ही मुश्किल अभ्यास है जिसके लिए तैयार होने में कम से कम 3 साल का समय लगता है.
- इतनी कठोर मेहनत के बाद हम अपना भविष्य सिर्फ 4 साल के लिए ही सुरक्षित कर पाएंगे।
- 4 साल के बाद तेज़ी से बदलते हाई टेक्नोलॉजी युग में हम कैसे अपने आप को दुसरो के साथ खड़ा पाएंगे।
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