Mulayam Singh yadav राजनीति और कुश्ती के अखाड़े में कभी हार ना मानने वाला पहलवान, आज ज़िन्दगी की जंग हार गया।

उत्तरप्रदेश के दिग्गज नेता तीन बार के मुख्यमंत्री और एक बार रक्षामंत्री  रहे मुलायम सिंह यादव ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आज 10 अक्टूबर 2022 आखरी सांस ली।उनकी हालत काफ़ी दिनों से नाजुक बनी हुई थी.

प्रारम्भिक जीवन

मुलायम सिंह यादव जी का जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तरप्रदेश में इटावा ज़िले के सैफई गांव में हुआ। मुलायम सिंह यादव की शुरूआती पढाई गांव के ही स्कूल में हुई। इटावा में सैफई गांव के साधारण से परिवार से उत्तरप्रदेश की राजनीति में शीर्ष पर पहुंचे मुलायम सिंह यादव ने आगरा विश्वविद्यालय से एमए की उसके बाद जैन इंटर कालेज, करहल(मैनपुरी) से बीटी की। उसके बाद उन्होंने कुछ सालों तक अध्यापन भी किया । मुलायम सिंह यादव को बचपन से ही पहलवानी का शोक था और पढाई के साथ साथ वे एक अच्छे पहलवान भी रहे। टीचिंग पेशे में आने वाले मुलायम सिंह यादव ने जीवन में हर धूप छांव देखी . कई दलों में रहे. कई बड़े नेताओं की शागिर्दी भी की लेकिन उसके बाद अपना दल बनाया और यूपी पर एक दो बार नहीं बल्कि तीन बार राज किया. यूपी की पॉलिटिक्स जिन धर्म और जाति के मुकामों की प्रयोगशाला से गुजरी, उसके एक कर्ताधर्ता मुलायम भी थे.

राजनीति में प्रवेश 

राजनीति के दांवपेंच उन्होंने 60 के दशक में राममनोहर लोहिया और चरण सिंह से सीखने शुरू कर दिए थे। राम मनोहर लोहिया ही उन्हें राजनीति में लेकर आए. लोहिया की ही संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने उन्हें 1967 में टिकट दिया और वह पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे. उसके बाद वह लगातार प्रदेश के चुनावों में जीतते रहे. विधानसभा तो कभी विधानपरिषद के सदस्य बनते रहे.

नेता जी का राजनैतिक सफ़र

1967: में, वह उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए।
1977: में, वह पहली बार उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री बने।
1980: में, वह लोक दल के अध्यक्ष बने।
1982 से 1985: तक, उन्होंने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में पद संभाला।
1989: में, वह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
1990: में, वह चंद्रशेखर की पार्टी जनता दल (समाजवादी) में शामिल हुए।
1992: में, उन्होंने समाजवादी पार्टी (सोशलिस्ट) की स्थापना की।
1993: में, वह दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
1996: में, वह मैनपुरी क्षेत्र से 11 वीं लोकसभा के सद्स्य चुने गए थे।
1999: में, वह संयुक्त मोर्चा गठबंधन सरकार के अंतर्गत भारत के रक्षा मंत्री बने।
1999: में, उन्होंने दो लोकसभा सीटों - संभल, कन्नौज से चुनाव लड़ा और दोनों ही सीटें जीतीं।
2003: में, वह तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
2004: में, उन्होंने 183,8 99 वोटों के अंतर से गन्नौर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी, जो अब तक की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड माना जाता है।
2004: में, उन्होंने मैनपुरी क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता।
2014: में, उन्होंने 16 वीं लोकसभा चुनाव के दौरान दो सीटों आज़मगढ़, मैनपुरी से चुना लड़ा और दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज की।

Post a Comment

0 Comments