एक समय था जब सूचनाएं व्यक्ति को आसानी से प्राप्त नहीं होती थी अगर बात की जाये तो इंटरनेट क्रांति से पहले सूचनाएं प्राप्त करने का हमारे पास सिर्फ एक ही माध्यम था प्रिंट मीडिया मतलब अगर आपको कोई जानकारी चाहिए तो अखबार या किताबो के माध्यम से ही प्राप्त होती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है आपको एक मोबाइल चाहिए और गूगल यूट्यूब के माध्यम से आप हर विषय की जानकारी प्राप्त कर सकते है, वो भी जिस तरीके से आप चाहे ऐसे अगर आप पढ़ना चाहते है तो आपको लिखा हुआ मिलेगा अगर आप सुन्ना चाहते है तो ऑडियो की शक्ल में या फिर अगर आप देख कर समझना चाहते है तो वीडियो के रूप में आपको जानकारी मिल जाती है।
लेकिन अभी अगर आपको अगर कोई जानकारी चाहिए होती है तो आप गूगल पर सर्च करते है गूगल आपको उस विषय से संबधित कुछ वेबसाइट की लिंक दे देता है और आप फिर लिंक पर जाकर जानकारी प्राप्त कर लेते हो वो जानकारी सही और गलत दोनों रूप में होती है मतलब ये के आपको पूरी तरह सुनिश्चित होने में समय लगता है और बहुत सारी वेबसाइट पर जाकर खोज करनी पड़ती है।
जी हाँ अब आपकी ये छोटी मोटी परेशानियों को दूर करने के लिए एक और नया आविष्कार हो गया है जिसका नाम है Chat GPT
चैटजीपीटी इन दिनों खूब चर्चा में है। आर्टिफिशियल लेकिन इंसानों जैसी बुद्धि, विश्लेषण क्षमता और उनके जैसी प्रतिक्रिया देने की क्षमता ने इसे खास बना दिया है। समान्य रूप से देखें तो चैटजीपीटी एक कन्वर्सेशन मॉडल है, जो आम इंसानों की भाषा को समझने और इसके हिसाब से प्रतिक्रिया देने में सक्षम है। इसके लिए यह एआई और मशीन लर्निंग का सहारा लेता है।
ChatGPT चीजों को समझकर इंसानों की तरह उनका विश्लेषण करने और उनका उत्तर देने की क्षमता रखता है। यह लिखी हुई चीजों को समझ सकता है और संदर्भ के लिए पहले की बातचीत को याद कर सकता है।
यह सॉफ्टवेयर इंटरनेट पर जबरदस्त तरीके से ट्रेंड कर रहा है। लोगों को यकीन नहीं हो रहा कि एआई पर आधारित बॉट इतना बुद्धिमान भी हो सकता है। लोग इस पर अचंभा कर रहे हैं। सोशल मीडिया में इसके चर्चे हैं। इसे Google के लिए एक चैलेंज की तरह देखा जा रहा है, क्योंकि यह जटिल समस्याओं का समाधान देने में भी सक्षम है। यह कुछ चीजों के वर्तमान के आधार पर उनके भविष्य का आंकलन करने में सक्षम है। इसका लर्निंग एल्गोरिदम इसे एक काबिल और जानकार टीचर की तरह बनाता है।
इसका पूरा नाम जेनेरेटिव प्रेट्रेन्ड ट्रांसफॉर्मर (Generative Pretrained Transformer) है. इसे आप एक आधुनिक एनएमस (Neural network based machine learning model) भी कह सकते हैं. यह सॉफ्टवेयर गूगल की तरह आपको सिर्फ रियल टाइम सर्च ही नहीं देता, बल्कि आपके द्वारा पूछे गए सवालों के बेहद साफ और सटीक शब्दों में जवाब भी देता है. यह लोगों के बीच बहुत तेजी से अपनी जगह बना रहा है.
इसके सीईओ सैम अल्टमैन की मानें तो चैट जीपीटी ने एक हफ्ते से भी कम समय में 10 लाख यानि एक मिलियन यूजर्स तक अपनी पहुंच बना ली.
नेटफ्लिक्स को यह आंकड़ा छूने में 3.5 साल लग गए थे. वहीं ट्विटर को दो साल और फेसबुक को 10 महीने लग गए थे. जबकि, इंस्टाग्राम को तीन महीने और स्पॉटिफाई को 5 महीने लग गए थे.
इसकी शुरुआत सैम अल्टमैन नामक व्यक्ति ने एलन मस्क के साथ मिलकर 2015 में की थी. हालांकि, तब ये एक नॉनप्रॉफिट कंपनी थी. बाद में एलन मस्क ने इस प्रोजेक्ट को छोड़ दिया और फिर इसमें माइक्रोसॉफ्ट ने निवेश किया और आज यहा कंपनी नॉन प्रॉफिट से फॉर प्रॉफिट हो गई है, इस कंपनी की वैल्यूशन आज 20 बिलियन डॉलर है.
मशीन दशकों से इंसानी नौकरियां खाती आ रही हैं. कंप्यूटर हो या कैलकुलेटर सब ने इंसानी नौकरियां खायी हैं. अब इसी तरह का सवाल Chat GPT को लेकर उठ रहा है. कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में ये ऐसे बहुत से काम चुटकियों में कर देगा जो इंसान आज काफी समय लेकर कर रहा है. बहुत से लोग इसे लेकर आसंकित और उत्सुक दोनों हैं
यह एक बड़ा सवाल है. Chat GPT आपकी नौकरी खा सकता है? शायद हां! कंप्यूटर से लेकर कैलकुलेटर तक, सब ने समय-समय पर इंसानों के रोजगार खाए हैं. हालांकि, इन्होंने हमारे जीवन को भी सरल बनाया है. चैट जीपीटी जिस तरह का सॉफ्टवेयर है, इसमें कोई शक नहीं कि आने वाले समय में जब इसे और अपडेट किया जाएगा और इसमें थोड़े और सुधार किए जाएंगे तो यह बड़े आराम से आपके द्वारा किए गए सवालों का जवाब देगा. हालांकि, अगर वर्तमान की बात करें तो चैट जीपीटी के पास अभी गूगल जितनी जानकारी नहीं है, यह आपके द्वारा कुछ भी पूछे जाने पर तुरंत रियल टाइम सर्च करके सटीक जवाब नहीं देता.
इसका पूरा नाम जेनेरेटिव प्रेट्रेन्ड ट्रांसफॉर्मर (Generative Pretrained Transformer) है. इसे आप एक आधुनिक एनएमस (Neural network based machine learning model) भी कह सकते हैं. यह सॉफ्टवेयर गूगल की तरह आपको सिर्फ रियल टाइम सर्च ही नहीं देता, बल्कि आपके द्वारा पूछे गए सवालों के बेहद साफ और सटीक शब्दों में जवाब भी देता है. यह लोगों के बीच बहुत तेजी से अपनी जगह बना रहा है.
इसके सीईओ सैम अल्टमैन की मानें तो चैट जीपीटी ने एक हफ्ते से भी कम समय में 10 लाख यानि एक मिलियन यूजर्स तक अपनी पहुंच बना ली.
नेटफ्लिक्स को यह आंकड़ा छूने में 3.5 साल लग गए थे. वहीं ट्विटर को दो साल और फेसबुक को 10 महीने लग गए थे. जबकि, इंस्टाग्राम को तीन महीने और स्पॉटिफाई को 5 महीने लग गए थे.
Chat GPT का एलन मस्क से क्या है कनैक्शन
इसकी शुरुआत सैम अल्टमैन नामक व्यक्ति ने एलन मस्क के साथ मिलकर 2015 में की थी. हालांकि, तब ये एक नॉनप्रॉफिट कंपनी थी. बाद में एलन मस्क ने इस प्रोजेक्ट को छोड़ दिया और फिर इसमें माइक्रोसॉफ्ट ने निवेश किया और आज यहा कंपनी नॉन प्रॉफिट से फॉर प्रॉफिट हो गई है, इस कंपनी की वैल्यूशन आज 20 बिलियन डॉलर है.
लोगो में Chat GPT को लेकर डर क्यों है
मशीन दशकों से इंसानी नौकरियां खाती आ रही हैं. कंप्यूटर हो या कैलकुलेटर सब ने इंसानी नौकरियां खायी हैं. अब इसी तरह का सवाल Chat GPT को लेकर उठ रहा है. कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में ये ऐसे बहुत से काम चुटकियों में कर देगा जो इंसान आज काफी समय लेकर कर रहा है. बहुत से लोग इसे लेकर आसंकित और उत्सुक दोनों हैं
यह एक बड़ा सवाल है. Chat GPT आपकी नौकरी खा सकता है? शायद हां! कंप्यूटर से लेकर कैलकुलेटर तक, सब ने समय-समय पर इंसानों के रोजगार खाए हैं. हालांकि, इन्होंने हमारे जीवन को भी सरल बनाया है. चैट जीपीटी जिस तरह का सॉफ्टवेयर है, इसमें कोई शक नहीं कि आने वाले समय में जब इसे और अपडेट किया जाएगा और इसमें थोड़े और सुधार किए जाएंगे तो यह बड़े आराम से आपके द्वारा किए गए सवालों का जवाब देगा. हालांकि, अगर वर्तमान की बात करें तो चैट जीपीटी के पास अभी गूगल जितनी जानकारी नहीं है, यह आपके द्वारा कुछ भी पूछे जाने पर तुरंत रियल टाइम सर्च करके सटीक जवाब नहीं देता.
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