लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी: भारतीय सेना की शान और ऑपरेशन सिंदूर 2025 की नायिका
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी |
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी को ऑपरेशन सिंदूर 2025 में एक स्पेशल इंटेलिजेंस यूनिट का नेतृत्व सौंपा गया। उनकी यूनिट का कार्य था:
- दुश्मन के ठिकानों की पहचान करना
- टैक्टिकल ऑपरेशनों की योजना बनाना
- महिला सैनिकों और स्थानीय महिला नागरिकों के बीच समन्वय स्थापित करना
- नागरिकों के लिए राहत शिविरों और मेडिकल सहायता केंद्रों की निगरानी
इस मिशन के दौरान, सोफिया ने 24/7 फील्ड कमांड की और 4 लगातार दिनों तक दुश्मन क्षेत्र में ऑपरेशन का नेतृत्व किया। उन्होंने कई जानकारियाँ जुटाई जो आगे चलकर भारतीय सेना की बड़ी सफलता का आधार बनीं।
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी: भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी जो विदेशी सैन्य अभ्यास का नेतृत्व कर चुकी हैं
भारत में महिलाओं की भूमिका हर क्षेत्र में निरंतर बढ़ रही है, और सेना जैसे कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में भी महिलाएं अपने साहस और नेतृत्व से नई मिसालें कायम कर रही हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी एक ऐसा ही नाम हैं, जिन्होंने भारतीय सेना में न केवल अपनी काबिलियत साबित की, बल्कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए विदेशी सैन्य अभ्यास का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय महिला अधिकारी बन गईं।प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
सोफिया कुरैशी का जन्म एक प्रगतिशील मुस्लिम परिवार में हुआ। उनका बचपन से ही सपना था कि वे देश की सेवा करें। उन्हें एक अनुशासित जीवनशैली और देशभक्ति की भावना अपने परिवार से विरासत में मिली। उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती होने का सपना देखा और उसे साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की।सोफिया ने ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA), चेन्नई से प्रशिक्षण प्राप्त किया और सेना की सिग्नल कोर में शामिल हुईं, जो भारतीय सेना की तकनीकी शाखा है।
सेना में करियर और उपलब्धियां
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने भारतीय सेना में एक उत्कृष्ट अफसर के रूप में कई जिम्मेदारियां निभाईं। लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा प्रसिद्धि तब मिली जब वे वर्ष 2016 में ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास की कमान संभालने वाली पहली महिला बनीं।यह अभ्यास आसियान (ASEAN) देशों और आठ अन्य सहयोगी देशों के बीच कंबोडिया में आयोजित किया गया था। इसमें भारत, अमेरिका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि देश शामिल थे। कुल मिलाकर 18 देशों की सेनाएं इसमें भाग ले रही थीं।
इस सैन्य अभ्यास में भारतीय दल का नेतृत्व करना सोफिया कुरैशी के लिए बहुत ही गौरवपूर्ण क्षण था। यह केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, जहाँ पहली बार किसी महिला अधिकारी ने इतने बड़े स्तर पर बहुराष्ट्रीय सैन्य बल का नेतृत्व किया।
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